युवाओं का ध्यान या महज राजनीतिक दांव

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औेपचारिक्ताओं में उलझे भटियात के तीन प्रस्तावित खेल मैदान

चुवाड़ी। पुनीत शर्मा


इसे भटियात के युवाओं को खेल सुविधाएं देने की इच्छाशक्ति कहें या खेल के नाम पर कोरी राजनीति कि भटियात के 3 खेेल मैदान उदघाटन ओर शिलान्यास तक ही सीमित रह गए। उपमंडल मुख्यालय चुवाड़ी का त्रिमथ तथा मोतला में बहु उद्देशीय मिनी स्टेडियम हो या आदर्श पंचायत परछोड़ का खेल मैदान हो, शिलान्यास से आगे नहीं बढ़ पाए हैं। इसको लेकर युवाओं में रोष है।

निर्माणस्थल पर लगी उदघाटन पट्टिकाओं के आगे मवेशी बांधने को गड्ढे खूंटे यहां जमीनी हकीकत की कहानी सुनाते हैं। युवा आज भी यहां वहां खेल कर अपनी प्रतिभा को निखारने से महरूम हैं। खेल मैदान जैसी युवाओं की बुनियादी सुविधा न होना यहां अब तक हुई युवाओं की अनदेखी का प्रमाण है। कारण सरकार के स्तर का हो या विभागीय लेकिन उदघाटन के 3 साल बाद भी
भटियात भर के युवाओं को खेल मैदान मयस्सर नहीं हो पाया है। युवा सेवा एवं खेल विभाग के यह मैदान आज भी पट्टीकाओं से आगे नहीं बढ़ पाए हैं।


विपक्ष इस मुद्दे को मौजूदा सरकार का बताकर सभी ऑपचारिकताओं के बाद शिलान्यास करने की बात कहता है तो वहीं विधायक के मुताबिक कांग्रेस के धड़ाधड़ किए गए उदघाटन राजनीतिक लाभ के लिए हुए थे।
बताते चलें कि त्रिमथ के मिनी स्टेडियम की बात करें तो चुनावों से ऐन पहले सीएम वीरभद्र सिंह ने इसका उदघाटन साल 2017 में किया था। हालांकि इसके निर्माण को लेकर उस वक़्त कोई भी ऑपचारिक्ता के पूर्ण न होने की बात भी कही जा रही है। यहां से गुजरती बिजली की तारों तथा साथ में 33 केवी के चलते यहां बिजली विभाग से तारे हटवाने का काम भी बाकी है।
इसके बाद सत्ता में आई भाजपा के कार्यकाल में यहां वन विभाग की आपतियों का निराकरण करने के बाद इनके निर्माण को देहरादून हैडक्वार्टर से अंतिम मंजूरी का इंतजार है। इस स्टेडियम के निर्माण के लिए 75 तथा परछोड़ खेल मैदान के लिए 10.81 लाख लोकनिर्माण विभाग के पास पहले ही जमा करवाया जा चुका है।
वहीं मोतला के मिनी स्टेडियम का 50 लाख रुपया जमा होने के बाद उसका काम पहले चरण में है।
इस संदर्भ में जब चंबा स्थित युवा सेवा एवं खेल विभाग के
यूथ ऑर्गेनाइजर रूपेश से बात की गई तो उन्होंने बताया कि चुवाड़ी के प्रस्तावित स्टेडियम तथा परछोड़ खेल मैदान के लिए आपतियो के निराकरण के बाद फाईल वन विभाग के देहरादून मुख्यालय को भेज दी गई है जिसकी क्लीयरेंस के बाद लोक निर्माण विभाग यहां काम शुरू कर पाएगा।

उधर इस संदर्भ में जब जिला खेल अधिकारी प्रदीप धीमान से बात की गई तो उन्होंने बताया दो मैदानों की क्लीयरेंस देहरादून वन मुख्यालय से आना बाकी है तो वहीं मोतला मिनी स्टेडियम के लिए भी ऑपचारिकताएं जारी है।

आनन फानन में कर डाले शिलान्यास

विधायक बिक्रम जरयाल का कहना है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने चुनावों में फायदे के चक्कर में 2017 में कई उदघाटन कर डाले। इसके लिए न तो ऑपचरीक्ताएं पूरी की गईं ओर न ही कायदा अपनाया गया। महज राजनीतिक लाभ के लिए यहां शिलान्यास पट्टिकाएं लगा दी गईं। इसके बाद सत्ता में आने के बाद इन ऑपचारिक्ताओं को पूरा करने के बाद अब चुवाड़ी तथा परछोड़ के खेल मैदान अंतिम क्लीयरेंस की और हैं जबकि मोतला के मिनी स्टेडियम को लेकर भी कारवाई जारी है। उन्होंने कहा कि धड़ा धड कर दिए गए चुनावी शिलान्यासों के बावजूद भाजपा इन कार्यों को सिरे चढ़ाने को गम्भीर है।

कायदे से हुए शिलान्यास, विकास कांग्रेस की देन

उधर पूर्व कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह पठानिया के अनुसार तीनों शिलान्यास कायदे के साथ किए गए तथा ऑपचरिक्ताओं के पूरी न होने की बात बेमानी है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस के कार्यकाल में शुरू हुए कार्यों का सेहरा भाजपा पहले ही अपने सिर बांधती अाई है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार का काम है कि इन खेल मैदान का निर्माण शुरू करवाकर युवाओं को सुविधा दी जाए। उन्होंने बताया कि भटियात का विकास कांग्रेस की देन है।

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