शिमला। हिमाचल टॉप न्यूज़
एंबुलेंस कर्मचारियों की लापरवाही से गर्भ में पल रहे आठ माह के शिशु की मौत हो गई है। पीड़ित पति ने इस मामले की शिकायत पुलिस को दी है और कानूनी कार्रवाई अमल में लाने की मांग की है। जिला शिमला के गांव आहनोग, डाकघर मालत तहसील कुपवी के रहने वाले राजेंद्र कुमार ने बताया कि 29 जनवरी को उनकी पत्नी अनीता देवी (27) बीमार हो गई थी। यह डिलीवरी केस था और महिला को बार-बार दौरे पड़ रहे थे। ऐसे में उपचार के लिए नेरवा अस्पताल लाया गया। जांच के बाद चिकित्सकों ने महिला को कमला नेहरू अस्पताल शिमला (केएनएच) के लिए रेफर कर दिया। नेरवा से एंबुलेंस कर्मी गर्भवती को चौपाल से आगे 10 किलोमीटर लाए और एंबुलेंस रोक दी। कहने लगे कि आगे बर्फ है और हमारा लौटना मुश्किल होगा। शिकायतकर्ता राजेंद्र का कहना है कि बर्फ गिरी नहीं थी, परिवहन और अन्य गाड़ियां चल रही थीं। उन्होंने बताया कि एसडीएम चौपाल से भी बात की थी, लेकिन स्टाफ ने मरीज को उतार दिया। कहा कि वापस नेरवा जाना है, जहर का केस आया है। इसके बाद वह इन्हें वहां छोड़कर चले गए। मरीज की स्थिति गंभीर थी तो उन्होंने 5 हजार रुपये में टैक्सी करके देर रात पत्नी को केएनएच शिमला पहुंचाया। यहां पर जब डॉक्टरों ने जांच की तो बताया कि मां के गर्भ में ही शिशु की मौत हो गई। महिला के पति राजेंद्र कुमार ने कहा कि भविष्य में ऐसा किसी के साथ न हो, इसके लिए प्रशासन और सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।