नेट डेस्क। हिमाचल टॉप न्यूज़
भारतीय किसान यूनियन (एकता-उग्रहण) का कहना है कि किसानों के परिवार के जो लोग विदेश में रह रहे हैं और वहाँ छोटे काम करते हैं, वैसे ही लोगों ने यूनियन की अपील पर पैसे भेजे थेI संगठन के अध्यक्ष जोगिन्दर सिंह उग्रहण के अनुसार जिन लोगों ने चंदा भेजा है वो विदेश में या तो ट्रक ड्राइवर या मजदूर के रूप में काम करने वाले लोग हैं Iनए कृषि कानून के ख़िलाफ़ चल रहे आंदोलन में भारतीय किसान यूनियन (एकता-उग्रहण) अकेला सबसे बड़ा किसान समूह है.
इस महीने की शुरुआत में यूनियन ने अपील की थी कि आंदोलन जारी रखने के लिए उसे पैसों की ज़रूरत है. उसने लोगों से चन्दा देने की अपील की थी.संगठन के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने पत्रकारों से बात करते हुए माना कि अपील के बाद लोगों ने चंदे के रूप में आठ लाख रुपये संगठन के खाते में जमा किए लेकिन इस बीच, संगठन का कहना है, “पंजाब एंड सिंध बैंक’ के कोकरीकलां शाखा के मैनेजर ने उन्हें सरकार की तरफ से भेजा गया नोटिस दिखाया जिसमें कहा गया है कि विदेश से भेजा गया चंदे का पैसा ‘विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम’ का उलंघन है क्योंकि संगठन ने खुद को विदश से प्राप्त होने वाले चंदे के लिए सरकार के पास पंजीकृत नहीं कराया है. जानकारों का कहना है कि अगर पंजीकरण नहीं होता है तो विदेश से भेजी गई चंदे की रक़म भेजने वालों के खातों में लौटा दी जाएगी. इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया के चाँद वाधवा ने बीबीसी से बात करते हुए बताया कि सिर्फ़ संगठन ही नहीं, अगर कोई व्यक्ति भी विदेश से राशि ले रहा है तो उसे भी विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम’ के तहत ख़ुद को पंजीकृत करवाना होगा. वाधवा के अनुसार रिश्तेदार एक दूसरे को विदश से पैसे भेज सकते हैं जैसे बेटा अपने पिता को या परिवार को. उसी तरह उपहार के रूप में भी पैसे भेजे जा सकते हैं लेकिन जिसे ये मिल रहे हैं उसे ये स्पष्ट करना होगा कि किस मद में ये पैसे आ रहे हैं.